परिचय
Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojna (PMKVY), जिसे प्रधानमंत्री यूथ ट्रेनिंग प्रोग्राम के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है। इसे 16 जुलाई 2015 को नई दिल्ली में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य कम पढ़े-लिखे या स्कूल छोड़ चुके युवाओं को उद्योग-प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। यह योजना कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के तहत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) द्वारा कार्यान्वित की जाती है। PMKVY का लक्ष्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
योजना के चरण और उपलब्धियाँ
Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojna को चार चरणों में लागू किया गया है, प्रत्येक चरण ने कौशल विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। नीचे इन चरणों का विवरण दिया गया है:
चरण | लॉन्च तिथि | प्रशिक्षित/लक्ष्य | विशेष पहल |
---|---|---|---|
PMKVY 1.0 | 2015 | 19 लाख प्रशिक्षित | मुफ्त प्रशिक्षण और प्रमाणन शुरू किया गया |
PMKVY 2.0 | अक्टूबर 2016 | 1.10 करोड़ प्रशिक्षित/उन्मुख | मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसे मिशनों के साथ तालमेल |
PMKVY 3.0 | 15 जनवरी 2021 | 7.37 लाख प्रशिक्षित (8 लाख लक्ष्य) | COVID योद्धाओं के लिए क्रैश कोर्स (CCCP-CW), स्किल हब इनिशिएटिव (SHI) |
PMKVY 4.0 | 2022-2023 | चल रहा है | ड्रोन, 3D प्रिंटिंग, रोबोटिक्स, और AI जैसे आधुनिक क्षेत्रों में प्रशिक्षण |
Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojna 1.0 (2015)
पहले चरण में, योजना ने 19 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया। इस चरण का लक्ष्य 24 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करना था, और इसे मुफ्त प्रशिक्षण और प्रमाणन के साथ शुरू किया गया था। प्रति व्यक्ति औसतन 8,000 रुपये का पुरस्कार दिया गया, जबकि पहले से कौशल रखने वालों को 2,000-2,500 रुपये का पुरस्कार मिला।
Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojna 2.0 (2016-2020)
2016 में शुरू हुए इस चरण में, 1.10 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित या उन्मुख किया गया। इस चरण में 12,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, जिसमें से 75% केंद्र द्वारा प्रायोजित और प्रबंधित (CSCM) घटक के लिए था। इस चरण ने मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे राष्ट्रीय मिशनों के साथ तालमेल बनाया।
Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojna 3.0 (2021)
2021 में शुरू हुए तीसरे चरण का लक्ष्य 8 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करना था, जिसमें से 7.37 लाख को प्रशिक्षण दिया गया। इस चरण में दो विशेष पहल शुरू की गईं:
- कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स प्रोग्राम फॉर COVID वॉरियर्स (CCCP-CW): इस पहल ने 1.20 लाख स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को त्वरित प्रशिक्षण प्रदान किया, जो COVID-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण था।
- स्किल हब इनिशिएटिव (SHI): इस पहल के तहत 1.8 लाख युवाओं को कौशल विकास केंद्रों में प्रशिक्षण दिया गया।
Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojna 4.0 (2022-2026)
वर्तमान चरण, जो 2022-23 में शुरू हुआ, 2026 तक चलेगा। इस चरण में 948.90 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। यह चरण आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन, 3D प्रिंटिंग, रोबोटिक्स, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में प्रशिक्षण पर केंद्रित है।
योजना का प्रभाव
Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojna ने भारत में कौशल विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह योजना विभिन्न क्षेत्रों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, होटल मैनेजमेंट, ऑटोमोबाइल, हेल्थकेयर, और कृषि में प्रशिक्षण प्रदान करती है। उदाहरण के लिए, गोवा में 2018-19 से 2022-23 तक 2,702 प्रशिक्षित उम्मीदवारों में से 481 को रोजगार मिला।
2024-25 तक, इस योजना के लिए 1,538.29 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। यह योजना भारत की युवा आबादी (15-59 वर्ष की आयु में 62% से अधिक) का लाभ उठाने और उन्हें रोजगार योग्य बनाने में मदद कर रही है।
विशेष सुविधाएँ
PMKVY में कई सुविधाएँ शामिल हैं जो इसे प्रभावी बनाती हैं:
- मुफ्त प्रशिक्षण और प्रमाणन: प्रशिक्षण और मूल्यांकन शुल्क पूरी तरह से सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
- लोन सुविधा: युवाओं को प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए ऋण सुविधा प्रदान की जाती है।
- आसान पंजीकरण: मिस्ड कॉल और IVR सिस्टम के माध्यम से पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है।
- राष्ट्रीय मानक: प्रशिक्षण राष्ट्रीय व्यावसायिक मानकों (NOS) और योग्यता पैक पर आधारित है।
भविष्य की दिशा
Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojna 4.0 के साथ, सरकार का लक्ष्य और अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि वे बदलती हुई अर्थव्यवस्था की मांगों के अनुरूप तैयार हो सकें। यह योजना भारत को वैश्विक स्तर पर एक कुशल कार्यबल के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना ने पिछले 10 वर्षों में भारत में कौशल विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने न केवल युवाओं को कौशल प्रदान किए हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने और देश के विकास में योगदान देने का अवसर भी दिया है। भविष्य में, PMKVY के और अधिक चरणों के माध्यम से, सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने और देश की अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में काम करती रहेगी।
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