चिंता (Anxiety) एक सामान्य मानसिक स्थिति है, जो कभी-न-कभी हर व्यक्ति को प्रभावित करती है। लेकिन जब यह चिंता बार-बार, बिना किसी स्पष्ट कारण के, या अत्यधिक मात्रा में होने लगे, तो यह चिंता विकार (Anxiety Disorders) का रूप ले सकती है। यह मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जो व्यक्ति के दैनिक जीवन, रिश्तों और कार्यक्षमता को प्रभावित करती है। आइए, इस लेख में जानते हैं कि एंग्जायटी डिसऑर्डर क्या है, इसके नुकसान और इसे ठीक करने के प्रभावी उपाय।
एंग्जायटी डिसऑर्डर क्या है?
चिंता विकार यानी एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorder) एक ऐसी मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को लगातार और असामान्य रूप से तनाव, डर या घबराहट का अनुभव होता है। यह सामान्य चिंता से अलग है, क्योंकि यह लंबे समय तक रहती है और व्यक्ति के जीवन को बाधित करती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर लगभग 4% लोग चिंता विकार से प्रभावित हैं। भारत में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है, खासकर युवाओं और शहरी आबादी में।
एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorder) कई प्रकार के हो सकते हैं, जैसे:
- सामान्यीकृत चिंता विकार (Generalized Anxiety Disorder): इसमें व्यक्ति हर छोटी-बड़ी बात पर अत्यधिक चिंता करता है।
- पैनिक डिसऑर्डर: अचानक और गंभीर घबराहट के दौरे पड़ते हैं, जिनमें दिल की धड़कन बढ़ना, पसीना आना या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
- सामाजिक चिंता विकार (Social Anxiety Disorder): सामाजिक परिस्थितियों में अत्यधिक डर या शर्मिंदगी महसूस होना।
- विशिष्ट फोबिया: किसी विशेष चीज या स्थिति, जैसे ऊंचाई या कीड़े, से असामान्य डर।
एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorder) के नुकसान
एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorder) केवल मानसिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक स्तर पर भी नुकसान पहुंचाता है। इसके प्रमुख नुकसान निम्नलिखित हैं:
- शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: लंबे समय तक चिंता के कारण उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, सिरदर्द, पेट की समस्याएं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। एक अध्ययन के अनुसार, चिंता विकार से ग्रस्त लोगों में हृदय रोग का खतरा 26% तक बढ़ सकता है।
- मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: चिंता विकार अवसाद (Depression) का कारण बन सकता है। यह व्यक्ति की एकाग्रता, निर्णय लेने की क्षमता और आत्मविश्वास को कम करता है।
- सामाजिक और व्यावसायिक जीवन पर असर: चिंता विकार के कारण लोग सामाजिक समारोहों से दूरी बनाने लगते हैं, जिससे रिश्ते प्रभावित होते हैं। कार्यस्थल पर कम उत्पादकता और आत्मविश्वास की कमी भी देखी जाती है।
- जीवन की गुणवत्ता में कमी: लगातार डर और तनाव के कारण व्यक्ति खुशी और संतुष्टि का अनुभव नहीं कर पाता, जिससे जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
एंग्जायटी डिसऑर्डर को ठीक करने के उपाय
एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorder) को प्रबंधित और ठीक करने के लिए कई प्रभावी उपाय उपलब्ध हैं। ये उपाय व्यक्ति की स्थिति और गंभीरता पर निर्भर करते हैं। नीचे कुछ प्रमाणित और वैज्ञानिक रूप से समर्थित तरीके दिए गए हैं:
- मनोचिकित्सा (Psychotherapy):
- संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT): यह चिंता विकार के लिए सबसे प्रभावी उपचारों में से एक है। इसमें व्यक्ति को नकारात्मक विचारों को पहचानने और उन्हें बदलने की तकनीक सिखाई जाती है। अध्ययनों के अनुसार, CBT से 60-80% मरीजों में सुधार देखा गया है।
- एक्सपोजर थेरेपी: यह विशेष रूप से फोबिया और सामाजिक चिंता के लिए उपयोगी है, जिसमें व्यक्ति को धीरे-धीरे डर का सामना करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
- दवाइयाँ:
- मनोचिकित्सक की सलाह पर एंटी-डिप्रेसेंट्स या एंटी-एंग्जायटी दवाइयाँ दी जा सकती हैं। ये दवाइयाँ मस्तिष्क में रसायनों को संतुलित करती हैं, लेकिन इन्हें केवल विशेषज्ञ की देखरेख में लेना चाहिए।
- जीवनशैली में बदलाव:
- नियमित व्यायाम: योग, ध्यान और व्यायाम जैसे एरोबिक्स तनाव को कम करने में मदद करते हैं। रोजाना 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि चिंता के लक्षणों को 20% तक कम कर सकती है।
- स्वस्थ आहार: संतुलित आहार, जिसमें ओमेगा-3, मैग्नीशियम और विटामिन बी से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हों, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
- पर्याप्त नींद: 7-8 घंटे की अच्छी नींद चिंता को नियंत्रित करने में मदद करती है।
- माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन तकनीक:
- माइंडफुलनेस मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की तकनीकें तनाव को कम करती हैं। रोजाना 10-15 मिनट की मेडिटेशन प्रैक्टिस चिंता के लक्षणों को कम कर सकती है।
- प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन (PMR) भी प्रभावी है, जिसमें मांसपेशियों को तनाव देने और फिर आराम देने की प्रक्रिया शामिल होती है।
- सामाजिक समर्थन:
- परिवार और दोस्तों का साथ, या सपोर्ट ग्रुप में शामिल होना, चिंता से निपटने में मदद करता है। दूसरों के अनुभव सुनने से व्यक्ति को अकेलापन कम महसूस होता है।
निष्कर्ष
चिंता विकार (Anxiety disorder
) एक गंभीर लेकिन उपचार योग्य स्थिति है। सही जानकारी, समय पर उपचार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप या आपके किसी करीबी को चिंता विकार के लक्षण दिखाई दें, तो बिना देर किए किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना न केवल आपके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है, बल्कि आपको एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में भी मदद करता है।
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